धर्मानुरागी
सज्जनो,
सप्रेम
हरिस्मरण।
परमप्रभु
परमात्मा की असीम-अहैतुकी
अनुकम्पा एवम् प्रेरणा तथा
भक्तजनों के प्रबल पुण्य के
बल से मां भाग्य लक्ष्मी की
नगरी हैदराबाद के जगतगिरीगुट्टा
में भगवान श्रीपरशुराम का
दिव्य मंदिर अपने भव्य स्वरुप
में प्रकट हुआ है। पूरे दक्षिण
भारत में भगवान परशुराम का
ये दूसरा और आंध्रप्रदेश का
पहला मंदिर है। उसी दिव्य
मंदिर का प्राण-प्रतिष्ठा
महोत्सव वैशाख शुक्ल तृतीया
( अक्षय
तृतीया-श्रीपरशुराम-जयंती)
तदनुसार
दिनांक 13-05-2013,
दिन
सोमवार को प्रातः 10
बजकर
26 मिनट
मृगशिरा नक्षत्रयुक्त कर्कट
लग्न सुमुहूर्त में होना
सुनिश्चित हुआ है। प्राण-प्रतिष्ठा
की संपूर्ण लोकमंगलपरक
प्रवृत्तियों का समायोजन
काशी के श्रीमठ पीठाधीश्वर
और श्रीसम्प्रदायाचार्य
जगदगुरु
रामानंदाचार्य स्वामी
श्रीरामनरेशाचार्यजी महाराज
के सान्निध्य में सम्पन्न
होगा। समस्त वैदिक विधानों
का संचालन दक्षिण भारत के
सुख्यात वैदिक विद्वानों
एवम् याज्ञिकों के द्वारा
संपादित होगा। आप अपने सभी
इष्ट-मित्र
और बंधु-बांधवों
सहित पधारकर भगवान परशुराम
की कृपा का भाजन बनें एवम्
जीवन को धन्य करें।
विनयावनत्
रामगोपाल
चौधरी
अध्यक्ष,
ब्रह्मर्षि
सेवा समाज,
हैदराबाद
संपर्क-
09391018491
त्रिदिवसीय
महोत्सव की लोकमंगलपरक
प्रवृत्तियां
दिनांक-11-05-2013
(शनिवार)
प्रातः
7 बजे
से-शांतिपाठ,गणपति
पूजा,
पुण्यावाचन,मातृका
पूजन,जादिसमाराधना
अंकुरारोपण,
पंचगव्य
मेलनम्,
यज्ञशाला
प्रवेशम्,
ब्रह्मादि-
वास्तु-क्षेत्रपाल-योगिनी-नवग्रहमंडल
स्थापना,
अग्निप्रतिष्ठा,
गणपति
होम,आवाहित
होम,
मूलमंत्र
होम,जलाधिवास,अधिवासांग
होम आरति एवम् प्रसाद
संध्या
7 बजे-भजन
संध्या सह जगद्गुरु रामानंदाचार्य
जी का प्रवचन
दिनांक-12-05-2013
(रविवार)
आवाहित
देवता पूजा,आवाहित
देवता होम,
धन्याधिवास,
अधिष्ठायांग
होम,
रुद्र
होम,विष्णुहोम,
मूलमंत्र
होम,
शय्याधिवास,पुष्पाधिवास,
आरती
एवम् प्रसाद,संध्या
7 बजे-
भजन
संध्या सह आचार्यश्री का
प्रवचन
13-05-2013
(सोमवार)
प्रातः
7 बजे
से-आवाहित
देवता पूजा,गर्तन्यास,कलान्यास,
नेत्रोन्मीलन,प्रातः
10 बजकर
26 मिनट-
यंत्र
मूर्ति प्राण-
प्रतिष्ठा,
महाकुंभम्
अभिषेक,
पूजा-आरति
और आचार्य-ब्राह्मण
द्वारा भक्तों-अतिथियों
का अभिनंदन,
मुख्य
अतिथि का संबोधन एवम् जगदगुरु
रामानंदाचार्य स्वामी
श्रीरामनरेशाचार्य जी महाराज
का आशीर्वचन। महाभंडारा के
साथ यज्ञ की पूर्णाहुति
यज्ञाचार्य-
यज्ञरत्न
आचार्य के.
ए.चारी,
पुराना
रामालयम्,
नल्लकुंटा,हैदराबाद
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